मिथिलाक सोतिपूरामे वैदिक विवाहक विशिष्ट रीति-रेवाज, भाग 1
मिथिलामे ब्राह्मणक एकटा समूह अछि जे सोति कहबैत छथि। सोतिमे विवाहक प्रक्रिया बड़ उदार अछि। एहिमे दहेज नामक कोनो वस्तु नै अछि। विवाहमे आइयो आडम्बर त्याज्य अछि।Continue Reading
मिथिला आ मैथिलीक लेल सतत प्रयासरत
मिथिलामे ब्राह्मणक एकटा समूह अछि जे सोति कहबैत छथि। सोतिमे विवाहक प्रक्रिया बड़ उदार अछि। एहिमे दहेज नामक कोनो वस्तु नै अछि। विवाहमे आइयो आडम्बर त्याज्य अछि।Continue Reading
डॉ. जितेन्द्र न केवल कवि, साहित्यकार, आलोचक, भाषाविद् एवं इतिहासकार हैं, अपितु सामाजिक सरोकार रखनेवाले सहृदय व्यक्ति भी हैं।Continue Reading
अनदेसी परम्पराकें जे हमरालोकनि अपनाए खर्च कें बढाबा दैत छी तँ ताहि पर ध्यान देबाक चाही। ई सभ अपव्यय अन्ततः दहेज कें बढ़ाबा दैत अछि।Continue Reading
जखने विवाहकें एकटा पवित्र संस्कार मानल जाए लागत तखनहिं बेसी लम्फ-लम्फाक दिससँ लोक विरत होएताह आ दहेज बहुत कम भए जाएत। कन्याक महत्त्व बढ़त, भौतिकवादक स्थान पर एकर आध्यात्मिक महत्त्वक मानसिकता जागत आ दहेजक दिससँ मोन टुटत।Continue Reading
मैथिली आ मिथिलाक लेल समर्पित लेखक, सम्पादक, पत्रकार श्री राम भरोस कापरि भ्रमर वर्तमानमे नेपालीय मैथिली साहित्यक सशक्त हस्ताक्षर छथि।Continue Reading
मिथिला के इतिहास एवं पुरातत्त्व, विशेष रूप से मूर्ति-विज्ञान एवं वास्तु कला पर कार्य करनेवाले आधुनिक विद्वानों में डा. सुशान्त कुमार का नाम लिया जा सकता है। इनका यह कार्य निर्बाध गति से चलता रहे इसी शुभकामना के साथ….Continue Reading
वाल्मीकीयरामायणे न केवलं द्वादशराशीनामुल्लेखः, अपि तु जन्मलग्नं विनिश्चित्य भावानामपि गणनायाः सङ्केतः प्राप्यते। ग्रहाणामुच्चैः नीचैश्च स्थानेषु अवस्थानमपि तत्र गणितम् । Continue Reading
पुनर्वसु नक्षत्र में रामनवमी के दिन ही श्रीराम का वनगमन हुआ था तथा उसी दिन उनका चौदह वर्ष पूर्ण हुआ। उसके अगले दिन पुष्य नक्षत्र के योग में उनका राज्याभिषेक हुआ। Continue Reading
राजनगर के सुप्रसिद्ध कालीमन्दिर में चार फलकों में लिखे गये कुल तीन शिलालेख हैं। इनमें से पहले शिलालेख में महाराज रमेश्वर सिंह ने महेश ठाकुर से लेकर सभी राजाओं का वर्णन करते हुए अपनी वंशपरम्परा का काव्यमय वर्णन किया है।Continue Reading
प्रस्तुत संग्रह में कुल मिलाकर 43 आलेख हैं। ये आलेख भिन्न भिन्न पत्रिकाओं में, समाचार पत्रें में प्रकाशित हो चुके हैं, या किसी न किसी सेमिनार में पढे गये हैं। इन प्रत्येक आलेखों में समस्याएँ उठायी गयीं हैं तथा उनके समाधान के लिए चिन्तन प्रस्तुत किया गया है।Continue Reading
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