सिंगरहारक फूल, शेफालिका

आप कल्पना कीजिए कि एक दूसरे की विपरीत दिशा में आपके आगे से तथा पीछे से दो बल लगे हुए हैं। पाप पीछे की ओर से खींच रहा है और धर्म आगे की ओर बढ़ा रहा है। पाप को निर्बल करना है और धर्म को सबल करना है। यहीं पर इष्टापूर्त की व्याख्या की गयी है, जिसमें दो शब्द हैं- इष्ट एवं पूर्त। इष्ट का अर्थ है- अग्निहोत्र, तप, सत्य, वेदों का पालन, अतिथि-सत्कार और वैश्वदेव। पूर्त का अर्थ है- परोपकार के लिए कुआँ, तालाब, मन्दिर, अन्नक्षेत्र (सदावर्त) आदि का निर्माण करना तथा उसे चलाना।Continue Reading

the festival of colors

इसी होलाक पर्व का उल्लेख जैमिनि के मीमांसा सूत्र में भी मिलता है। वहाँ पहले अध्याय के तीसरे पाद के 15वें से 23वें सूत्र तक होलाकाधिकरण के नाम से एक खण्ड है, जिसमें होलाक पर्व को गृहस्थों के द्वारा मनाया जानेवाला एक अनुष्ठान माना गया है और इससे घर की स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि की बात कही गयी है। यहाँ भी रंग, अबीर से खेलने की कोई चर्चा नहीं है। केवल घर के सामने अग्नि जलाकर अग्नि की पूजा का विधान किया गया है।Continue Reading

Mahashivaratri

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि मनायी जाती है। नारद-संहिता के अनुसार दिस दिन आधी रात में चतुर्दशी तिथि रहे, उसी दिन शिवरात्रि का व्रत होना चाहिए। लेकिन हेमाद्रि (1260 ई. के आसपास) ने अपने ग्रन्थ चतुर्वर्गचिन्तामणि में माना है कि सूर्यास्त के समय जिसContinue Reading

माघी नवरात्र की सप्तमी- 1 फरवरी, शनिवार             वर्ष भर में चार नवरात्र होते हैं, जिनमें देवी दुर्गा की आराधना की जाती है- आश्विन में, माघ में, चैत्र में और आषाढ में। इनमें से माघी नवरात्र की सप्तमी के दिन भी पत्रिका प्रवेश एवं देवी की मूर्ति में आवाहन इसीContinue Reading

एहि सूर्य सहस्रांशो

गणेशावतार- 13 जनवरी, सोमवार             माघ कृष्ण चतुर्थी को भगवान् गणेश का अवतार-दिवस माना जाता है। इस दिन गणेश की पूजा करनी चाहिए तथा रातभर व्रत करते हुए जागरण करने का विधान किया गया है। प्रातःकाल में पारणा कर लड्डू बाँटने का विधान है। इससे गणेशजी प्रसन्न होते हैं तथाContinue Reading

बिहार पर्यटन के विशेष लेखक श्री रवि संगम द्वारा लिखित हिन्दी एवं अंगरेजी में प्रामाणिक जानकारियों के साथ ये किताबें लिखी गयी हैं।Continue Reading

fort william College

मैथिली भाषाक सन्दर्भमे जँ देखल जाए तँ ग्रियर्सनसँ बहुत पहिने 1804 ई.मे जेम्स रोमर अपन आलेखमे एकरा महत्त्वपूर्ण स्थान देने छथिContinue Reading

Maharaja Rameshwar Singh

23 मई 1900 ई. कें दरभंगा महाराज रमेश्वर सिंह के केसर-ए-हिन्दक उपाधि भेटल रहए। ओहि दन ई उपाधि पओनिहार 30 व्यक्तिक सूची देल जा रहल अछि-Continue Reading

Mithila a nation in European Record

मिथिला आ मैथिलीक लेल आइ भलें संघर्ष करबाक स्थिति आबि गेल हो, हिन्दी एकरा उदरस्थ करबाक लेल हाथ-पएर मारि रहल हो, अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी ई सभ भिनाउज करबाक लेल उताहुल हो, मुदा इतिहास इएह कहैत अछि जे 1822 ई.मे विदेशी विद्वान सभ मिथिला कें एकटा राष्ट्र आ मैथिली भाषा कें भारतक दस भाषामे सँ एक भाषा मानने छथि।Continue Reading

picture of Goddess Sarasvati published in the book Hindu Mythology by w. j. wilkins

कलियुगमे नाम-संकीर्तन महत्त्वपूर्ण अछि। एतय सरस्वतीक सहस्रनाम पाठ करबाक लेल देल जा रहल अछि।Continue Reading