मैथिली लोकगीतों में नारी
जनक-याज्ञवल्क्य की धरती मिथिला एक ओर यजुर्वेद एवं शतपथ-ब्राह्मण की वैदिक परम्परा की भूमि रही है तो दूसरी ओर आगम-परम्परा में शक्ति-पूजन के लिए विख्यात रही है।Continue Reading
जनक-याज्ञवल्क्य की धरती मिथिला एक ओर यजुर्वेद एवं शतपथ-ब्राह्मण की वैदिक परम्परा की भूमि रही है तो दूसरी ओर आगम-परम्परा में शक्ति-पूजन के लिए विख्यात रही है।Continue Reading
मिथिलाक संस्कृतिमे, प्रतिदिन, विशेष रूपसँ कार्तिक मासमे, सभठाम, विशेष रूपसँ सिमरियामे, कल्पवासक अवधिमे गोसाञिक नामक पाठ करबाक आ सुनबाक परम्परा रहलैक अछि। एहि गोसाञिक नामक अन्तर्गत तीन टा स्तोत्रक पाठ होइत छलContinue Reading
सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा कतहु ने तँ पुराणमे भेटैत अछि आ ने लोककथे मे। एकर मूलस्रोत भविष्य-पुराणक सूर्योपासनाक प्रसंग में अछि,Continue Reading
एहि वेबसाइटक सामग्रीक सर्वाधिकार पं. भवनाथ झा लग सुरक्षित अछि। शैक्षिक उद्देश्य सँ सन्दर्भ सहित उद्धरणक अतिरिक्त एकर कोनो सामग्रीक पुनरुत्पादन नहिं करी। जँ कतहु शैक्षिक उद्देश्यसँ सामग्री लेल जाइत अछि तँ ओहि वेबपृष्ठक URL सहित देल जा सकैत अछि।