रावण राक्षसक राजा छल। जातिसँ ब्राह्मण रहलाक बादो ओ आतंकवादीक सरगनाक सरदार छल। समस्त दण्डकारण्य धरि अपन सर-संबन्धी आ आतंकवादीक विस्तार कए हत्या, लूट आ अशान्तिमे संलिप्त छल, तें रामक हाथें मारल गेल।Continue Reading